मुझे प्यार हुआ था

आंखों में हमने भी झांका था
हमने भी प्रीत लगाई थी
ख्वाब जैसा था कोई
जिसने हमसे अपनी पहचाना कराई थी
हर रोज़ किसी के बातों को सुनने की आदत थी
किसी की सलामती मेरी मांगी जाने वाली इबादत थी।
नजरो के फेर में हम भी फंसे थे
था कोई जिसके साथ हम भी हंसे थे
एक शख्स से कई मुद्दों पे इकरार हुआ था
हा मुझे प्यार हुआ था।
किसी के इंतजार में वक्त हमने भी गुजारा है
किसी के सौंदर्य को हमने तारीफो से संवारा है
खुशियों का एक शबब हमसे भी कभी कभार रूठता था
एक मनमीत जिसमे मैं अपनी खुशियां ढूंढता था
शाब्दातित सुकुन के पल हमने भी बटोरा अतीत में
गुनगुनाया है किसी का नाम हमने अपने दौर के गीत में।
था कोई जिसको हर खुशी देने को तैयार हुआ था
हा मुझे प्यार हुआ था।
चांद तारों की बातों को हमने भी स्वीकारा था
था कोई जिसको अपने रूह में उतारा था
हादसा का नाम देती जिसे दुनिया उसका हम भी शिकार हुए थे
काल्पनिक किस्सो से गढ़ी कागज की कश्ती पे हम भी सवार हुए थे।
दूर होकर भी पास होने का एहसास हमे किसी ने कराया था
हमारे सिरहाने अपनी यादों का एक तकिया लगाया था
कभी किसी के लिए मुझे वफा का जुनून सवार हुआ था
हा मुझे प्यार हुआ था।
दिल में बसा के देखा था हमने भी एक शख्स को
महसूस किया था हमने भी अपने अंदर किसी के अक्स को
किसी के झील भरी निगाहों में हमने भी तैरना सिखा था
अपनी दिल की वसीयत किसी और के नाम लिखा था।
था कोई जिसके खातिर दिल बेकरार हुआ था
हा मुझे प्यार हुआ था।
By: Nishant Kumar Mishra